Women's Day Poem in Hindi { StatusHindiMe New Poems }

नारी है तो संसार है। भारत में शुरुआत से ही महिलाओं के सम्मान को सबसे सर्वोपरि माना गया है चाहे वो सत्ययुग, त्रेतायुग या द्वापरयुग क्यों न हो। सभी कालों में नारी { women's} को उच्च स्थान दिया गया है किन्तु आज के समय में स्तिथि काफी उलट नजर आ रही है इस कलयुग की बात करे तो आज महिलाओं को वो सम्मान नहीं मिल रहा है जो उन्हें सत्ययुग, त्रेतायुग या द्वापरयुग में मिला करा करता था इसलिए हर साल दुनिया में women's day बनाया जाता है जिससे लोग महिलाओ का सम्मान करे इसी के उपलक्ष्य में statushindime.com ने Women's Day पर कुछ हिंदी Poem लिखी है। आशा करता हूँ आपको यह Poems पसंद आएँगी

Women's Day Poem in Hindi
Women's Day Poem in Hindi


महिला दिवस पर कविताएं { Women's Day Poem in Hindi }



1. नारी की जिम्मेदारियां


जब एक लड़की किसी के घर जन्म लेती है 

उस घर को पूरी तरह से जगमगा देती है।

 वो एक नन्ही सी कली अपने पापा की परी होती है।

 माँ की प्यारी और भाई की दुलारी होती है।

 वो धीरे-धीरे होने लगती है

 जो लड़की चंचलता और नासमझ सी थी।

 मासूमियत को छोड़कर 

अब वो समझदारी की सीढिया चढने लगती है।

 अब वही लड़की समाज की 

बंदिशों को झेलती है। 

कभी घर की तो कभी

 बाहर की परेशानियों से लड़ती है।

 वो कली अपने बाबुल की बगिया छोड़कर,

 अब किसी और के घर की फूल बनती है।

 वहां बनकर बहु और पत्नी उस घर का नाम भी रोशन करती है।

 वो अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाती है

 वो ही तो है जो एक मकान को घर बनाती है।

 वो ही एक लड़की

 माँ बनकर अपने बच्चों को संभालती है।

 अपने घर के हर सदस्य का चेहरा देखकर

 उसके मन के दुःख को समझ जाती है।

 अपने बच्चों की ख़ुशी के लिए,

 खुद की ख़ुशी को भूल जाती है।

 वो एक लड़की सबका ध्यान रखती है

 बस खुद का ध्यान रखना भूल जाती है।

 वो कभी बेटी, बहु और पत्नी तो कभी माँ बन जाती है।

 वो एक लड़की इस तरह से सारे रिश्ते जिम्मेदारिया निभाती है।


2. नारी का बचपन


उसके हाथो में अभी किताब होनी चाहिए थी,

 पर वो जगह मेहंदी ने लेली।

 उसके पैरों में स्कूल के जूते होने थे,

 पर उसकी जगह पायल ने ले ली।

 माथे पर ख़ुशी की लहर होनी थी,

 पर उसकी जगह बिंदी और सिंदूर ने ली।

 होंठो पर प्यारी सी मुस्कान होनी थी।

 उसकी जगह लाली लिपस्टिक ने ले ली।

 उसके स्कूल की ड्रेस पहननी थी,

 पर उसको 5 मीटर लंबी साड़ी संभालनी पड़ी।

 उसे अपने सपनों की कहानी बननी थी,

 पर उसको बचपन में ही ग्रहस्थी संभालनी पड़ी।

 जो अभी अपने कदम रखना सीख रही थी,

 वो किसी दूसरे के घर में अपने डगमगाते कदम को संभालने लगी।



3. { महिला } Poem on Acid attack


वो बनकर तितली उड़ना चाहती थी,

 अपने कुछ सपनों को जीना चाहती थी।

 कभी-कभी वह काफी परेशान सी रहती थी,

 शायद था कोई जिससे वो डरी-डरी सी रहती थी।

 स्कूल भी सहमी-सहमी सी जाती थी,

 रास्ते भी डर-डर के पार करती थी।

 एक अनजान ने उस लड़की को

 बहुत बार इश्क़ का इज़हार था किया,

 लड़की ने भी उसको कई बार इनकार था किया।

 उस लड़के ने एक दिन,

 उस लड़की के साथ ऐसी हरकत कर दी।

 तेज़ाब फेककर उसके चेहरे पर

 इंसानियत ही शर्मशार कर दी।

 उसका चेहरा,सपने रूह तक को झुल्सा दिया।

 इस तरह उस बेदर्द ने लड़की से इनकार

करने का बदला था लिया,

 उसने सच में उससे इश्क़ था किया?

 या सिर्फ अपने पागलपन को इश्क़ का नाम था दिया।


Conclusion:-

दोस्तों इस आर्टिकल में आपने Women's Day Poem in Hindi पर लिखी हिंदी कविता पढ़ी हम आशा करते है, की यह आर्टिकल पसंद आया होंगा। अगर आप poem लिखने में रुचि रखते है तो आप भी statushindime.com से जुड़ सकते है और यह आर्टिकल शेयर जरूर करे। 

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